मुजफ्फरनगर। बकाया गन्ना भुगतान, मुआवजा और किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर आज भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने कलेक्ट्रेट का घेराव करते हुए डीएम कार्यालय पर पूरी तरह से कब्जा जमा लिया। भाकियू कार्यकर्ता राकेश टिकैत के नेतृत्व में पुलिस और प्रशासन की सभी घेराबंदी और पुख्ता प्रबंध को धता बताते हुए जुलूसों के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचे। भाकियू के इस प्रदर्शन को देखते हुए डीएम कार्यालय छावनी में बदल दिया गया था। वहीं शहर के सभी प्रमुख चौराहों और एंट्री प्वाइंट पर भारी सुरक्षा प्रबंध किये गये, लेकिन पुलिस कहीं भी किसानों पर अंकुश लगाने में सफल नहीं हो पायी। डीएम कार्यालय में भी किसानों ने ट्रैक्टर घुसाकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। सायं के समय किसानों ने अनिश्चितकालीन धरने की घोषणा कर दी। इस दौरान भाकियू सुप्रीमो नरेश टिकैत ने कहा कि हमारे आंदोलन का मुख्य मुद्दा समस्या, समाधान और सम्मान है। उन्होंने कहा कि यदि किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो जिले में भाजपा एक भी सीट नहीं जीत पायेगी, हम असहयोग आंदोलन की घोषणा करते हैं।
श्री टिकैत ने कहा कि सरकार काम से बनेगी, हिन्दू-मुस्लिम करने से नहीं। धरने के दौरान उन्होंने घोषणा की कि आज से किसान सरकारी देय जमा नहीं करेंगे और किसानों की समस्याओं का समाधान होने तक धरना जारी रहेगी। घोषित कार्यक्रम के चलते आज भाकियू कार्यकर्ता टोपी, झण्डा और झण्डा लेकर जुलूसों के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचने लगे थे। वहां पर भाकियू पदाधिकारियों ने धरना प्रदर्शन का पूरा प्रबंध पुलिस अफसरों के सामने ही किया। वहां पर लाउड स्पीकर भी दूर तक लगाया गया और डीएम कार्यालय पर किसानों का जमावडा सवेरे से ही शुरू हो गया था। भाकियू शीर्ष हाईकमान ने किसानों की समस्याओं को लेकर 17 फरवरी को कलेक्ट्रेट में घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन का ऐलान किया था। इसी कड़ी में आज भाकियू के बैनर तले पूरे जिले से किसान कलेक्ट्रेट स्थित डीएम कार्यालय पर एकत्र हुए। एसपी सिटी सतपाल अंतिल, एडीएम प्रशासन अमित सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट अतुल कुमार कचहरी से लेकर महावीर चौक तक सुरक्षा बंदोबस्त का निरीक्षण करते रहे। इसके बावजूद भी पुलिस प्रशासन किसानों और भाकियू कार्यकर्ताओं को टै्रक्टर ट्राली सहित कलेक्ट्रेट पहुंचने से रोकने में नाकाम साबित रहा।
किसानों ने डीएम कार्यालय परिसर में ही ट्रैक्टर घुसा दिये और पुलिस की सारी किलेबंदी को ध्वस्त करने में वह सफल नजर आये, जबकि कलेक्ट्रेट को पूरी तरह से छावनी में बदला गया था। वहां पर कई सीओ और थाना प्रभारियों के साथ पुलिस फोर्स व पीएसी बल के जवानों को तैनात किया गया था, लेकिन किसानों के सैलाब के समक्ष सारी व्यवस्था नाकाफी साबित रही। दोपहर के बाद भाकियू पदाधिकारी कार्यकर्ताओं के धरने पर पहुंचे। इस अवसर पर भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चॉै. राकेश टिकैत ने कहा कि जनपद के अधिकारियों को जनसमस्याओं से कोई भी सरोकार नहीं रहा है, यह अफसर केवल सरकार की चाटुकारिता में व्यस्त हैं। धरातल पर कोई काम नजर नहीं आता है, ये अधिकारी केवल अखबारों की सुर्खियां बनना पसंद कर रहे हैं। किसान अगर गन्ना लेकर मिल में जाता है तो ताजे गन्ने व पत्ती के नाम पर किसान की लुटाई हो रही है। तहसील में किसान जाता है तो हिस्सा प्रमाण पत्र व खसरा खतौनी के नाम पर किसान को लूटा जा रहा है। विरासत में दाखिल खारिज के मुकदमें व रजिस्ट्री में भी लूट हो रही है।
कहीं पर भी बिना पैसे दिए कोई कार्य नहीं हो रहा है। प्रशासन की सारी व्यवस्था केवल कागजी हैं, 3 लाख तक के क्रेडिट कार्ड पर कोई चार्ज न होने के बावजूद किसानों पर चार्ज लगाये जा रहे हैं। सहकारिता में ऋणों में बन्दरबांट की जा रही है। प्रशासन को इन समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली के बिल में भारी गड़बड़ी की जा रही है ताकि संशोधन के नाम पर पैसा वसूला जा सके। गन्ना किसानों को भुगतान न मिलने के कारण किसान अपने आवश्यक कार्य शादी विवाह, बच्चों की पफीस व बीमारी तक का ईलाज नहीं करा पा रहे हैं, लेकिन सरकार आज भी शुगर मिल मालिकों के पक्ष में खड़ी दिखाई दे रही है। सरकार अपने वादे के अनुसार 14 दिन में गन्ना भुगतान कराने में असफल रही है। ऐसी स्थिति में भाकियू चुप रहने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि किसान परेशान है, ऐसे में जब तक उसकी समस्याओं के समाधान पर शासन और प्रशासन स्तर पर विचार नहीं किया जाता है तो तब तक घर नहीं लौटेंगे। यह बड़ी लड़ाई है। यहां पर किसानों की समस्याओं के लिए प्रशासन को जवाबदेही मानते हुए जवाब देना ही होगा। किसानों के आंदोलन को देखते हुए कार्यकर्ताओं में पूरा जोश नजर आया। रणसिंघा और हुक्के लेकर कार्यकर्ता डीएम कार्यालय पर पहुंचे। कुछ जुलूस ढोल के साथ धरने पर पहुंचे।
आवास योजना में लाभ नहीं मिलने पर पहुंची महिलाएं भी इस धरने में शामिल रहीं। पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने भाकियू नेताओं से कई बार वार्ता की, लेकिन धरना चलता रहा। धरने पर मुख्य रूप से राकेश टिकैत, राजू अहलावत, जिलाध्यक्ष धीरज लाटियान, धर्मेन्द्र मलिक, गौरव टिकैत, ओमपाल मलिक, शाहिद आलम, विकास कुमार, ओमकार सिंह, चेयरमैन जहीर फारूकी, अमरजीत, कपिल सोम, विकास शर्मा, कुशलवीर सिंह, मांगेराम त्यागी, सतेन्द्र ठाकुर सहित सैंकडों किसान शामिल रहे।