आज भी हमें यह पता नहीं मुंशी प्रेमचंद ने वास्तव में कितनी कहानियां लिखी

जयपुर। आज भी हमें यह पता नहीं है कि प्रेमचंद ने वास्तव में कितनी कहानियां लिखी। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शनिवार को व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई के प्रसिद्ध व्यंग्य प्रेमचंद के फटे जूते के जरिए प्रेमचंद के व्यक्तित्व और लेखन पर चर्चा की गई।
इस चर्चा प्रेमचंद की पोती और लेखिका सारा राय, लेखक अनीसुर्रहमान और लेखिका वाणी त्रिपाठी टिक्कू शामिल थे। सारा राय ने कहा कि जिस फोटो पर यह लेख लिखा गया, उस फोटो का इतिहास तो उन्हें पता नहीं, लेकिन इतना जरूर है कि हमारे परिवार में फोटेा खिंचवाने का किसी को बहुत ज्यादा शौक नहीं था और प्रेमचंद तो इतना लिखते थे, कि उन्हें कुछ और याद ही नहीं रहता था। सारा ने बताया कि उनकी दादी यानी प्रेमचंद की पत्नी शिवरानी भी लेखक थी और उन्होंने भी कहानियों की एक किताब लिखी है। शिवरानी की राजनीतिक समझ बहुत अच्छी थी और वे प्रेमचंद की छाया की तरह थी।
अनीसुर्रहमान ने कहा कि प्रेमचंद के बारे में कुछ गलत धारणाएं है जैसे कि वे सिर्फ कहानी लिखतेे थे या वे सिर्फ हिन्दी में लिखते थे या कि उन्होंने सिर्फ देहात की कहानियां लिखी। अनीस ने कहा कि प्रेमचंद ने कहानियां को अलावा भी बहुत कुछ लिखा है और उनके समय से जुडे हर विषय पर लिखा है। वे उर्दू बहुत अच्छी जानते थे और उनकी शुरूआती कहानियां तो उर्दूू में ही थी। हिन्दी में तो उन्होंने बाद में लिखा और समाज के बारे में लिखा। वे कोस्मोपोलिटन थे। प्रेमचंद को हम ऐसे लेखक के रूप में याद रख सकते है, जिसने कहानी की एक नई परम्परा शुरू की और इसे एक नया स्टाइल दिया।