जम्मू-कश्मीरः सोपोर में लश्कर के पांच मददगार गिरफ्तार, पूछताछ में जुटीं सुरक्षा एजेंसियां
पाकिस्तान में बैठे लश्कर के आकाओं के इशारों पर आतंक को बढ़ावा देने वाले लश्कर के पांच ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) शनिवार को गिरफ्तार किए गए हैं। गिरफ्तार ओजीडब्ल्यू से दो हैंड ग्रेनेड के अलावा अन्य सामग्री भी बरामद हुई है। पुलिस के लिए यह बड़ी कामयाबी मानी जा रही है।
पकड़े गए ओजीडब्ल्यू इलाके में पाकिस्तान में बैठे आकाओं के इशारे पर लोगों को धमका कर आतंक फैलाते थे। वह इलाके में धमकी भरे पोस्टर लगाने के साथ-साथ इलाके में आतंकवाद की जड़ें मजबूत करने के लिए भी काम कर रहे थे। सुरक्षा एजेंसियां इनसे पूछताछ कर रही हैं।
पुलिस ने बताया कि सोपोर पुलिस ने सेना की 22 राष्ट्रीय राइफल्स और सीआरपीएफ के साथ शुक्रवार देर शाम दो अलग-अलग ऑपरेशन में आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताइबा के पांच ओजीडब्ल्यू को गिरफ्तार किया है। पहले सोपोर के बस स्टैंड में एक नाके के दौरान तीन ओजीडब्ल्यू को गिरफ्तार किया गया। इनकी शिनाख्त ब्रथ कलां सोपोर के हिलाल अहमद मीर, साहिल नजीर मीर और चक ब्रथ के पीरजादा मोहम्मद जहीर के तौर पर हुई है।
दूसरे ऑपरेशन में सूर-कुपवाड़ा बाईपास पर एक नाके के दौरान दो अन्य ओजीडबल्यू गिरफ्तार किए गए । इनकी शिनाख्त नौपोरा जागीर के उलफ त बशीर मीर और दरपोरा बोमई सोपोर के एजाज अहमद भट के तौर पर हुई है।
अगस्त से उत्तरी कश्मीर में छह आतंकी ढेर, नौ ओजीडब्ल्यू गिरफ्तार
अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद से उत्तरी कश्मीर में तीन आतंकी मारे गए हैं। लश्कर के आतंकी दानिश चन्ना समेत तीन को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 11 ओजीडब्ल्यू) गिरफ्तार किए जा चुके हैं। 21 अगस्त को बारामुला में एक आतंकी मारा गया था। इसी महीने बांदीपोरा में लश्कर कमांडर और पाकिस्तानी आतंकी अबू तलहा समेत दो आतंकी मारे गए। सोपोर में लोगों को धमकाने पर पुलिस ने सात नवंबर को हिज्ब के चार ओजीडब्ल्यू गिरफ्तार किए थे। हंदवाड़ा में लश्कर के भी दो ओजीडब्ल्यू पकड़े गए थे।
पकड़े गए ओजीडब्ल्यू इलाके में पाकिस्तान में बैठे आकाओं के इशारे पर लोगों को धमका कर आतंक फैलाते थे। वह इलाके में धमकी भरे पोस्टर लगाने के साथ-साथ इलाके में आतंकवाद की जड़ें मजबूत करने के लिए भी काम कर रहे थे। सुरक्षा एजेंसियां इनसे पूछताछ कर रही हैं।
पुलिस ने बताया कि सोपोर पुलिस ने सेना की 22 राष्ट्रीय राइफल्स और सीआरपीएफ के साथ शुक्रवार देर शाम दो अलग-अलग ऑपरेशन में आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताइबा के पांच ओजीडब्ल्यू को गिरफ्तार किया है। पहले सोपोर के बस स्टैंड में एक नाके के दौरान तीन ओजीडब्ल्यू को गिरफ्तार किया गया। इनकी शिनाख्त ब्रथ कलां सोपोर के हिलाल अहमद मीर, साहिल नजीर मीर और चक ब्रथ के पीरजादा मोहम्मद जहीर के तौर पर हुई है।
दूसरे ऑपरेशन में सूर-कुपवाड़ा बाईपास पर एक नाके के दौरान दो अन्य ओजीडबल्यू गिरफ्तार किए गए । इनकी शिनाख्त नौपोरा जागीर के उलफ त बशीर मीर और दरपोरा बोमई सोपोर के एजाज अहमद भट के तौर पर हुई है।
अगस्त से उत्तरी कश्मीर में छह आतंकी ढेर, नौ ओजीडब्ल्यू गिरफ्तार
अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद से उत्तरी कश्मीर में तीन आतंकी मारे गए हैं। लश्कर के आतंकी दानिश चन्ना समेत तीन को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 11 ओजीडब्ल्यू) गिरफ्तार किए जा चुके हैं। 21 अगस्त को बारामुला में एक आतंकी मारा गया था। इसी महीने बांदीपोरा में लश्कर कमांडर और पाकिस्तानी आतंकी अबू तलहा समेत दो आतंकी मारे गए। सोपोर में लोगों को धमकाने पर पुलिस ने सात नवंबर को हिज्ब के चार ओजीडब्ल्यू गिरफ्तार किए थे। हंदवाड़ा में लश्कर के भी दो ओजीडब्ल्यू पकड़े गए थे।
जानिए कौन हैं ओवर ग्राउंड वर्कर और क्या है इनका काम
ओवर ग्राउंड वर्कर जिसे संक्षेप में ओजीडब्ल्यू कहा जाता है। ये आम लोगों की तरह रहकर आतंकियों के लिए काम करते हैं। किसी आतंकवादी घटना को अंजाम देने के लिए ये ओजीडब्ल्यू आतंकवादियों के लिए जमीन तैयार करते हैं।
यह आतंकियों तक सुरक्षाबलों की सूचनाएं पहुंचाने के साथ ही उनके लिए हथियार, पैसा और सुरक्षित ठिकाने का बंदोबस्त करते हैं। आतंकवादियों के साथ ही ये ओजीडब्ल्यू सेना के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं हैं।
यह आतंकियों तक सुरक्षाबलों की सूचनाएं पहुंचाने के साथ ही उनके लिए हथियार, पैसा और सुरक्षित ठिकाने का बंदोबस्त करते हैं। आतंकवादियों के साथ ही ये ओजीडब्ल्यू सेना के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं हैं।
सुरक्षाबलों के भारी दवाब के चलते आतंकी और उनके मददगार ओवर ग्राउंड वर्कर छिपे हुए हैं। सुरक्षाबलों ने ऐसी रणनीति बनाई है कि आम लोगों के साथ उनका संपर्क ही न होने पाए। इसके चलते पथराव की घटनाएं भी कम हुई हैं।
सुरक्षा एजेंसियों के पास मौजूद इनपुट के अनुसार, घाटी में फिलहाल 300 आतंकी सक्रिय हैं। ओजीडब्ल्यू की संख्या छह हजार से अधिक है। यह ओजीडब्ल्यू ही आतंकियों को मदद पहुंचाने के साथ घाटी में हिंसा और पत्थरबाजी को भी बढ़ावा देते हैं।
सुरक्षा एजेंसियों के पास मौजूद इनपुट के अनुसार, घाटी में फिलहाल 300 आतंकी सक्रिय हैं। ओजीडब्ल्यू की संख्या छह हजार से अधिक है। यह ओजीडब्ल्यू ही आतंकियों को मदद पहुंचाने के साथ घाटी में हिंसा और पत्थरबाजी को भी बढ़ावा देते हैं।
जम्मू-कश्मीरः सोपोर में लश्कर के पांच मददगार गिरफ्तार, पूछताछ में जुटीं सुरक्षा एजेंसियां